बिहार बोर्ड मैट्रिक 10TH के अर्थशास्त्र अध्याय 1 : अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास का OBJECTIVE (QUIZ) QUESTIONS दिए गए है इसकी मदद से आप अपने परीक्षा की तैयारी को और बेहतर बना सकते है, हर सवाल में सही उतर पर हरा रंग और गलत उतर पर लाल रंग दिखाएंगे सारे सवालों का जवाब देने के बाद अंत में आपको अपना परिणाम मिलेगा - RSL PLUS


अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास 

*अर्थव्यवस्था :-अर्थव्यवस्था एक ढांचा है,जिसके अन्तर्गत लोगो की आर्थिक क्रियाओं का अध्यन किया जाता है | 
                               (ब्राउन के अनुसार,अर्थव्यवस्था आजीवका का अर्जन की एक प्रणाली है )
*आर्थिक क्रिया :-हमारी वे सभी क्रियाएँ जिससे हमें आय प्राप्त होता आर्थिक क्रिया कहलाता है | 
                  जैसे :-कृषि ,उद्योग ,व्यापार ,परिवहन 
*उपनिवेश(Colony) :- जब कोई भी देश किसी बड़े समृद्धिशाली राष्ट्र के शासन के अंतर्गत रहता है और उसके समस्त आर्थिक एवं व्यावसायिक कार्यो का निर्देशन एवं निंयत्रण शासक  देश का होता है ,ऐसे शासित देश को शासक देश का उपनिवेश कहा जाता है | 
      जैसे :-भारत लगभग 200 वर्षो तक ब्रिटिश शासन का एक उपनिवेश था | 

अर्थव्यवस्था की सरंचना(Structure Of Economy)

⇒भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना को तीन भागो में बाँटा  है | 
(1)प्राथमिक क्षेत्र :-वह क्षेत्र है जिसमे प्राकृतिक संसाधनो  प्रयोग करके वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है | 
         या,कृषि क्षेत्र को प्राथमिक क्षेत्र कहा जाता है | 
                      जैसे :-कृषि ,पशुपालन ,वन ,मछलीपालन 
(2)द्वितीयक क्षेत्र :-वह क्षेत्र है, जिसमे प्राथमिक क्षेत्रों से प्राप्त वस्तुओं को दूसरे अंतिम प्रकार में परिवर्तित करते है| 
    या,औद्योगिक क्षेत्र को  द्वितीयक क्षेत्र कहते है | 
                          जैसे:-उद्योग ,निर्माण ,गैस एवं बिजली 
(3)तृतीयक क्षेत्र :-प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रक के लिए उत्पादन सहायक गतिविधियों में सहायता करता है | 
  या ,सेवा क्षेत्र को तृतीयक क्षेत्र कहा जाता है | 

 अधिक जानकारी इस क्विज के बाद दिया गया है।

कक्षा 10 – अर्थव्यवस्था अध्याय 1 : अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी :-

 अर्थव्यवस्था के प्रकार (Types Of Ecomomy)

⇒विश्व में निम्न तीन प्रकार की अर्थव्यवस्था पायी जाती है | 
(1)पूँजीवाद अर्थव्यवस्था :-वह अर्थव्यवस्था है जंहा उत्पादन के साधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है | 
या,वह क्षेत्र जिसमे परिसम्पतियों का स्वामित्व और सेवाओं का वितरण एक व्यक्ति या कंपनी के हाथ में होती है | 
                            जैसे :-अमेरिका ,जापान ,आस्ट्रेलिया 
(2)समाजवादी अर्थव्यवस्था :- वह अर्थव्यवस्था है जंहा उत्पादन के साधनों का स्वामित्व एवं संचालन देश की सरकार के पास होता है ,जिसका उपयोग सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता है | 
     या,जिसमे अधिकांश परिसम्पतियों पर सरकार का स्वामित्व होता है और सरकार ही सभी सेवाएं उपलब्ध               करवाती है | 
                               जैसे :-चीन ,क्यूबा 
(3)मिश्रित अर्थव्यवस्था :-पूँजीवाद तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है | 
                   जैसे :-भारत ,फ्रांस 

                                              अर्थव्यवस्था का विकास 

(i)आर्थिक विकास :-प्रोo रोस्टोव के अनुसार "आर्थिक विकास एक ओर श्रम -शक्ति में वृद्धि की दर तथा दूसरी ओर जनसंख्या में वृद्धि के बीच का संबंध है|"
(ii)मौद्रिक विकास :-

*समावेशी विकास(Inclusive Growth) :-आर्थिक विकास की जिस प्रक्रिया से समाज के सभी वर्गों का जीवन स्तर ऊँचा होता जाए तथा कोई भी वर्ग विकास के लाभ से अछूता न रहे ,समावेशी विकास कहलाता है | 

*सतत विकास(Sustainable Development) :-ब्रुंण्डलैंड के अनुसार विकास की वह प्रक्रिया जिसमे वर्तमान की आवश्यकताएं बिना भावी पीढ़ी को देखे अपनी योग्यताओं से समझौता किए पूरी की जाती है | 
जैसे :-कोयला ,गैस ,जल 

 योजना आयोग (Planning Commission)

:-योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 को किया गया था,जो आने वाले पांच वर्षो के लिए आर्थिक विकास की योजना बनाता है | 

➤इसके अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते है और काम-काज की देख रेख के लिए एक उप्पाध्यक्ष होता है,जिसके सहायता के लिए आयोग के 8 सदस्य होते है | 
➤भारत में पहली पंचवर्षीय योजना 1951-1956  थी | 
➤1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर निति आयोग बनाया गया | 
➤योजना आयोग के प्रथम अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे | 
                 ( भारत में आर्थिक विकास का श्रेय नियोजन को दिया जा सकता है )
"आर्थिक नियोजन(Economic Planning) का अर्थ एक समयवद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व निर्धारित सामाजिक एवं आर्थिक उदेश्यों की प्राप्ति के लिए अर्थवयवस्था में उपलब्ध संसाधनों का नियोजित समन्वय एवं उपयोग करना है|"
*राष्ट्रीय विकास परिषद् (National Development Council-N.D.C.)
:-राष्ट्रीय विकास  परिषद् का गठन आर्थिक नियोजन हेतु राज्य सरकारों तथा योजना आयोग के बिच तालमेल तथा सहयोग वातावरण बनाने के लिए किया गया था | 
➤इसका गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया था | 
➤इसके सदस्य सभी राज्य के मुख्यमंत्री होते है | 

                                     मौद्रिक विकास (Monetary growth)

(i)वस्तु विनमय प्रणाली :-वस्तु से वस्तु का लेन -देन | 
(ii)मौद्रिक प्रणाली :-मुद्रा से वस्तुओं एवं सेवाओं का विनिमय | 
(iii)बैंकिग प्रणाली :-बैंक के माध्यम से चेक के द्वारा विनिमय की क्रिया का संपादन | 
(iv)कोर बैंकिग प्रणाली :-जब एक व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना बिलम्ब के बैंक के माध्यम से पैसे का लेन देन करता है तो बैंक के इस प्रणाली को कोर बैंकिग प्रणाली कहते है | 
(v)एटीएम प्रणाली(ATM) :-पलास्टिक के एक छोटे से कार्ड पर अंकित सूक्ष्म संकेत के आधार पर कही भी तथा किसी समय निर्धारित बैंक के केंद्र से पैसे निकालने की सुविधा प्रदान करता है | 
(vi)डेबिट कार्ड(Debit Card):-बैंक द्वारा दिया गया पलास्टिक का कार्ड जिसके द्वारा बैंक में अपनी जमा राशि के पैसे का उपयोग करना | 
(vii)क्रेडिट कार्ड(Credit Card):-बैंक द्वारा दिया गया पलास्टिक का कार्ड जिसके आधार पर उसके धारक द्वारा पैसे अथवा वस्तु प्राप्त कर लेना | 

                                    आर्थिक विकास की माप एवं सूचकांक 

*राष्ट्रीय आय(National Income) :-किसी देश में एक वर्ष की अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय कहा जाता है | 
➤जिस देश का राष्ट्रीय आय अधिक होता है,वह देश विकसित कहलाता है | और जिस देश का राष्ट्रीय आय कम होता है वह अविकसित देश कहलाता है | 
*प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income):-जब राष्ट्रीय आय को देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है ,वह प्रति व्यक्ति आय कहलाता है | 
                                         प्रति व्यक्ति आय=राष्ट्रीय आय/कुल जनसंख्या
➤विश्व विकास रिपोर्ट,2006 के अनुसार जिन देशो की प्रति व्यक्ति आयप्रतिवर्ष 4,53,000 रूपए या इससे अधिक है वह विकसित देश है और वे देश जिनकी प्रति व्यक्ति आय प्रतिवर्ष  37,000 रूपये या इससे कम है,उन्हें विकासशील कहा गया | 
➤उस समय भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 28,000 रूपये प्रतिवर्ष थी और भारत निम्न आय वर्ग के देश में आता था | 

                     मानव विकास सूचकांक (Human Development Index -HDI)

:-यह सूचकांक सयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा महबूब-उल-हक़ के निर्देशन में तैयार की गयी पहली मानव विकास रिपोर्ट थी | 
                   UNDP द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट विभिन्न देशो की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर ,उनकी स्वास्थ स्थिति और प्रति वयक्ति आय के आधार पर करती है | 
➤मानव विकास सूचकांक के तीन सूचक है | 
     (i)जीवन आशा सूचकांक        (II)शिक्षा प्राप्ति सूचकांक        (iii)जीवन स्तर सूचकांक
                  HDI =जीवन आशा सूचकांक +शिक्षा प्राप्ति सूचकांक +जीवन स्तर सूचकांक
(i)HDI तीनों सूचकांकों का औसत होता है | 
(ii)सभी देशों की HDI दर शून्य (0) से एक (1) होती है | 
(iii)2006 में 177 देशों के लिए HDI की गणना की गयी थी ,जिसमे भारत का HDI मूल्य 0.611 था और इसके साथ 126वें क्रम पर था | 
*राष्ट्रिय मानव विकास रिपोर्ट (UNDP):-UNDP की मानव विकास रिपोर्ट की तर्ज पर भारत की पहली मानव विकास रिपोर्ट अप्रैल 2002 में योजना आयोग द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 23 अप्रैल 2002 को नई दिल्ली में जारी किये थे | 
                     इस रिपोर्ट में विकास की दरे भिन्न -भिन्न थी  जिसमे केरल का रैंक सबसे ऊपर था जबकि बिहार ,मध्यप्रदेश ,असाम ,राजस्थान तथा उत्तरप्रदेश का रैंक सबसे निचे था | 
                                                        BI-BIHAR
                                                        M-MADHYA PRADESH 
                           (BIMARU)          A-ASSAM
                                                        R-RAJSTHAN 
                                                        U-UTTAR PRADESH 
*आधारिक संरचना(INFRASTRUCTURE):-आधारिक संरचना उन सुविधाओं से है जो देश के आर्थिक विकास के लिए सहायक होते है | 
  या,वे सभी तत्व जैसे की परिवहन ,संचार ,बिजली ,स्कूल ,अस्पताल आदि देश के आर्थिक विकास के आधार है,उन्हें आधारिक संरचना कहते है |