बिहार बोर्ड मैट्रिक 10TH के गणित (Math) अध्याय 2 :- बहुपद का OBJECTIVE (QUIZ) QUESTIONS दिए गए है इसकी मदद से आप अपने परीक्षा की तैयारी को और बेहतर बना सकते है, हर सवाल में सही उतर पर हरा रंग और गलत उतर पर लाल रंग दिखाएंगे सारे सवालों का जवाब देने के बाद अंत में आपको अपना परिणाम मिलेगा - RSL PLUS
वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)
परिभाषा: सभी परिमेय संख्याओं और अपरिमेय संख्याओं को सम्मिलित रूप से लिखने पर वास्तविक संख्या (Real Number) प्राप्त होती है।
जैसे: -√3, 2/5, √15, 4/11, 0, -7/12, 15/17, π, आदि।
वास्तविक संख्या को R से प्रदर्शित किया जाता है।
वास्तविक संख्या को अंग्रेजी में “Real Number” कहते हैं।
वास्तविक संख्याओं के प्रकार
वास्तविक संख्याओं को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है:
(a)परिमेय संख्याएँ (Q)
• प्राकृत संख्याएँ (N)
• सम संख्याएँ
• विषम संख्याएँ
• पूर्ण संख्याएँ (W)
• भाज्य संख्याएँ
• अभाज्य संख्याएँ
• पूर्णांक संख्याएँ (Z)
a) धनात्मक पूर्णांक (Z+)
b) ऋणात्मक पूर्णांक (Z-)
• भिन्न (p/q)
•
(b) अपरिमेय संख्याएँ (I या Q')
• जैसे: √2, √3, π, ...
वास्तविक संख्याएँ दो प्रकार की होती हैं:
धनात्मक वास्तविक संख्या (Positive Real Number): वह संख्या जिसका मान धनात्मक होता है, धनात्मक वास्तविक संख्या कहलाती है। इनके आगे सामान्यतः (+) चिन्ह नहीं लगाया जाता है (जैसे 5, 7/12, √2)।
ऋणात्मक वास्तविक संख्या (Negative Real Number): वह संख्या जिसका मान ऋणात्मक होता है, ऋणात्मक वास्तविक संख्या कहलाती है। इनके आगे ऋणात्मक (-) चिन्ह लगाया जाता है (जैसे -5, -7/12, -√2)।
अधिक जानकारी इस क्विज के बाद दिया गया है।
कक्षा 10 – गणित अध्याय- 1
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी :-
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका (Euclid's Division Lemma)
प्रमेयिका 1.1: दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए रहने पर, ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ q (भागफल) और r (शेषफल) विद्यमान हैं कि:
a = bq + r, जहाँ 0 ≤ r < b.
(यहाँ a भाज्य है, b भाजक है, q भागफल है और r शेषफल है।)
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म (कलन विधि)
यह यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका पर आधारित एक तकनीक है जिसका प्रयोग मुख्यतः दो धनात्मक पूर्णांकों का महत्तम समापवर्तक (HCF - Highest Common Factor) ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय (Fundamental Theorem of Arithmetic)
प्रमेय 1.2: प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता है, तथा यह गुणनखंडन अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वितीय होता है।
उदाहरणार्थ: 30 = 2 × 3 × 5. इसे 3 × 5 × 2 या 5 × 2 × 3 भी लिख सकते हैं, परन्तु गुणनखंड (2, 3, 5) अद्वितीय हैं।
HCF और LCM ज्ञात करने के लिए अनुप्रयोग
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय का प्रयोग करके दो या अधिक धनात्मक पूर्णांकों का HCF और LCM ज्ञात किया जा सकता है।
HCF (महत्तम समापवर्तक): संख्याओं में प्रत्येक उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखंड की सबसे छोटी घात का गुणनफल।
LCM (लघुत्तम समापवर्त्य): संख्याओं में सम्मिलित प्रत्येक अभाज्य गुणनखंड की सबसे बड़ी घात का गुणनफल।
महत्वपूर्ण संबंध: किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों a और b के लिए, HCF(a, b) × LCM(a, b) = a × b
अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers)
परिभाषा: एक संख्या ‘s’ अपरिमेय संख्या कहलाती है, यदि उसे p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता हो, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 है।
जैसे: √2, √3, √15, π, 0.101101110... आदि।
प्रमेय 1.3: मान लीजिए p एक अभाज्य संख्या है। यदि p, a² को विभाजित करती है, तो p, a को भी विभाजित करेगी, जहाँ a एक धनात्मक पूर्णांक है।
परिमेय संख्याएँ और उनके दशमलव प्रसार (Rational Numbers and their Decimal Expansions)
परिभाषा: संख्या जो p/q के फॉर्म में हो, या संख्या जिन्हें p/q के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो, जहाँ p तथा q पूर्णांक हों तथा q ≠ 0 हो, परिमेय संख्या (Rational Number) कहलाती हैं।
p को अंश (Numerator) तथा q को हर (Denominator) कहते हैं।
जैसे: 2/3, -7/12, 5/-6, 124 (या 124/1), 0 (या 0/1)
परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण
परिमेय संख्याओं को संख्या रेखा पर निरूपित किया जा सकता है। धनात्मक संख्याएँ शून्य के दाईं ओर और ऋणात्मक संख्याएँ शून्य के बाईं ओर स्थित होती हैं।
... -2 -1 -1/2 0 1/2 1 2 ...
दशमलव प्रसार
परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार दो प्रकार के होते हैं:
1. सांत दशमलव प्रसार (Terminating Decimal Expansion): दशमलव प्रसार कुछ चरणों के बाद समाप्त हो जाता है। जैसे: 1/4 = 0.25, 7/8 = 0.875.
2. असांत आवर्ती दशमलव प्रसार (Non-terminating Recurring Decimal Expansion): दशमलव प्रसार कभी समाप्त नहीं होता, परन्तु अंकों के एक समूह की पुनरावृत्ति होती है। जैसे: 1/3 = 0.333... = 0.3, 1/7 = 0.142857142857... = 0.142857.
प्रमेय 1.5: मान लीजिए x एक परिमेय संख्या है जिसका दशमलव प्रसार सांत है। तब x को p/q के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जहाँ p और q सहअभाज्य हैं तथा q का अभाज्य गुणनखंडन 2ⁿ 5ᵐ के रूप का है, जहाँ n, m कोई ऋणेतर पूर्णांक (non-negative integers) हैं।
प्रमेय 1.6: मान लीजिए x = p/q, जहाँ p और q सहअभाज्य हैं, एक परिमेय संख्या ऐसी है कि q का अभाज्य गुणनखंडन 2ⁿ 5ᵐ के रूप का है, जहाँ n, m ऋणेतर पूर्णांक हैं। तब x का दशमलव प्रसार सांत होता है।