
प्रायिकता किसे कहते है?
जब घटना की अनिश्चितताओ को अंकगणित के रूप में निरूपित किया जाता हैं तो उसे प्रायिकता कहा जाता हैं।
प्रायिकता को अग्रजी में Probability कहते है।
प्रायिकता (Probability) – कक्षा 10 गणित
✅ 1. क्या है प्रायिकता (What is Probability)?
किसी घटना के घटित होने की संभावना को प्रायिकता (Probability) कहते हैं।
उदाहरण:
-
जब आप एक सिक्का उछालते हो, तो उसके दो ही संभावित परिणाम होते हैं – हेड (Head) या टेल (Tail)।
-
अब अगर आप जानना चाहते हैं कि "हेड आने की कितनी संभावना है?" — यही प्रायिकता है।
📘 2. प्रायिकता का मूल सूत्र (Basic Formula of Probability):
जहाँ:
-
= घटना E के घटित होने की प्रायिकता
-
अनुकूल परिणाम = जो हम चाहते हैं
-
कुल संभावित परिणाम = जो भी हो सकते हैं
🟡 प्रायिकता हमेशा 0 और 1 के बीच होती है:
🎲 3. प्रयोग (Experiments) और परिणाम (Outcomes):
| क्रिया (Experiment) | कुल संभावित परिणाम (Outcomes) |
|---|---|
| एक सिक्का उछालना | Head, Tail (2 परिणाम) |
| एक पासा फेंकना | 1, 2, 3, 4, 5, 6 (6 परिणाम) |
| दो सिक्के उछालना | HH, HT, TH, TT (4 परिणाम) |
| ताश का एक पत्ता निकालना | 52 में से कोई एक पत्ता |
🃏 4. ताश के पत्तों की जानकारी (Playing Cards):
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कुल पत्ते = 52
-
चार प्रकार (Suits):
-
♠️ स्पेड (पान) – 13
-
♥️ हार्ट (दिल) – 13
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♦️ डायमंड (ईंट) – 13
-
♣️ क्लब (चिड़ी) – 13
-
-
लाल पत्ते = 26 (दिल + ईंट)
-
काले पत्ते = 26 (पान + चिड़ी)
-
मुखौटा पत्ते (Face cards) = राजा (King), रानी (Queen), गुलाम (Jack)
-
प्रत्येक में 4 होते हैं ⇒ कुल 12
-
📚 5. उदाहरण (Examples with Solutions):
🔹 उदाहरण 1:
एक पासा फेंका गया। एक सम संख्या आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल:
-
पासा के परिणाम: 1, 2, 3, 4, 5, 6
-
सम संख्या = 2, 4, 6 → 3 अनुकूल परिणाम
-
कुल संभावित परिणाम = 6
🔹 उदाहरण 2:
एक बैग में 3 लाल, 2 हरे और 5 नीले गेंद हैं। एक गेंद निकाली गई। लाल गेंद की प्रायिकता क्या है?
हल:
-
कुल गेंद = 3 + 2 + 5 = 10
-
लाल गेंद = 3
🔹 उदाहरण 3:
एक ताश की गड्डी से एक पत्ता निकाला गया। पत्ता "मुखौटा" (Face card) होने की प्रायिकता क्या है?
हल:
-
कुल पत्ते = 52
-
मुखौटा पत्ते = 3 (King, Queen, Jack) × 4 = 12
🔁 6. बारंबारता के आधार पर प्रायिकता (Empirical / Experimental Probability):
जब कोई प्रयोग कई बार किया गया हो, तो:
उदाहरण:
एक सिक्का 100 बार उछाला गया। 56 बार हेड आया।
-
P(हेड) =
-
P(टेल) =
✨ 7. परीक्षा के लिए कुछ VVI प्रश्न (Very Very Important Questions):
-
एक पासा फेंका गया। P(संख्या 4 या उससे अधिक) = ?
उत्तर: 4, 5, 6 ⇒ 3 अनुकूल परिणाम ⇒ -
एक सिक्का दो बार उछाला गया। P(दोनों बार हेड) = ?
परिणाम: HH, HT, TH, TT ⇒ अनुकूल = HH ⇒ -
एक ताश के पत्तों में से एक पत्ता निकाला गया। P(इक्का) = ?
इक्के = 4 ⇒
📌 8. जरूरी टिप्स (Tips for Exam):
✅ हमेशा पहले सभी कुल संभावित परिणाम लिख लो।
✅ फिर अनुकूल परिणाम गिनो जो सवाल मांग रहा है।
✅ ऊपर वाला सूत्र लगाओ:
✅ जहाँ "या" हो तो जोड़ते हैं।
✅ जहाँ "और" हो तो गुणा करते हैं (11वीं में ज़्यादा आता है)।
अधिक जानकारी इस क्विज के बाद दिया गया है।
कक्षा 10 गणित अध्याय –15 (प्रायिकता )
ताश तथा ब्रिज से सम्बंधित बातें
- ताश की एक गद्दी में 52 पत्ते होते हैं।
- इनमें 26 लाल और 26 काले रंग के पत्ते होते हैं।
- 26 लाल रंग के पत्तों में से 13 लाल पान और 13 ईंट के होते हैं।
- 26 काले रंग के पत्तों में से 13 काला पान और 13 चिड़िया के होते हैं।
- लाल पान, ठीकरी, काला पान ज़ चिड़िया में से प्रत्येक में एक-एक झक्का होता हैं अर्थात ताश की गद्दी में कुल चार इक्के होते है इसी प्रकार चार बादशाह चार बेगम और चार गुलाम होते हैं।
- ब्रिज के खेल में चार खिलाड़ी होते हैं और प्रत्येक को 13 पत्ते मिलते हैं ब्रिज के खेल में प्रेत्यक रंग के लिए 5 पत्ते होते हैं।
- ब्रिज के खेल में चार खिलाड़ी होते हैं और प्रत्येक को 13 पत्ते मिलते हैं ब्रिज के खेल में प्रत्येक रंग के लिए 5 पत्ते होते हैं।
प्रायिकता के सूत्र
1. P(A) + P(A’) = 1
जहाँ A कोई घटना हैं तथा A’ इसकी पूरक घटना हैं।
2. (a) घटना का अनुकूल संयोगानुपात E = P(E) : P(E’)
(b) घटना का प्रतिकूल संयोगानुपात E = P(E’) : P(E)
3. (a) यदि घटना का अनुकूल संयोगानुपात = a : b
तो P(E) = a/(a +b)
(b). यदि घटना E का प्रतिकूल संयोगानुपात = a : b
तो P(E) = b/(a + b)
4. यदि किसी प्रतिदर्श समष्टि S में A, B तथा C कोई तीन घटनाएं हो, तो
P(A∪B∪C) = P(A) + P(B) + P(C) – P(A∩B) – P(B∩C) – (A∩C) + P(A∩B∩C)
यदि A, B तथा C हो, तो
P(A ∩ B) = P(B ∩ C) = P(A ∩ C) = P(A ∩ B ∩ C) = 0
तथा P(A ∪ B ∪ C) = P(A) + P(B) + P(C)
“किसी घटना के होने की सम्भावना (likelihood or chance) को प्रायिकता या संभाव्यता कहते हैं।
प्रतिदर्श समष्टि:-
किसी प्रयोग के बार-बार किए जाने पर प्राप्त परिणामों के समुच्चय को प्रतिदर्श समष्टि कहते हैं उसे साधारण रूप से S या S के अवयवों की संख्या को n(S) से सूचित करते है।
जैसे : एक सामान्य पासे की फेंक में S = {1,2,3,4,5,6}
घटना:-
प्रतिदर्श समष्टि के प्रत्येक उपसमुच्च्य को एक घटना कहते हैं इसे साधारण रूप में E से सूचित किया करते हैं।
जैसे : एक सिक्के की उछाल में S {H, T}
यदि शीर्ष ऊपर आने की घटना E हो, तो E = {H} ⊆ S
यदि S प्रतिदर्श समष्टि हो, तो किसी घटना E की प्रायिकता P(E) = n(E)/n(S)
जहाँ n(E) = समुच्चय E के अवयवों की संख्या
n(E) = प्रतिदर्श समष्टि S के अवयवों की संख्या
दूसरे शब्दों में, P(E) = (E के पक्ष में तरीके)/कुल तरीके
जैसे : यदि एक पासा फेंका जाए, तो चूंकि पासे पर 6 अंक लिखे रहते हैं तथा इनमें से कोई भी अंक ऊपर आ सकता हैं।
अतः प्रतिदर्श समष्टि S में अवयवों की संख्या = n(S) = 6
अब संख्या 3 के ऊपर आने की घटना यदि E हो, तो n(E) = 1
अतः ऊपर अंक 3 के आने की प्रायिकता P(E) = n(E)/n(S) = 1/6
किसी घटना में अवयवों की संख्या ज्ञात करना
गिनती का योग नियम : यदि E एक घटना है जो घटना E1 या E2 में से किसी एक के घटाने से घटती हैं।
n(E) = n(E1) + n(E2)
गिनती का गुणन नियम : यदि E एक घटना है, जो घटना E1 एवं E2 दोनों के एक साथ घटाने से घटती हैं।
n(E) = n(E1) × n(E2)
क्रमचय : यदि कोई घटना E तभी घटित होती हैं, जब n विभिन्न वस्तुओं में r वस्तुएं सजाई जाती हैं।
n(E) = nPr = n!/(n – r)!
संचय : यदि कोई घटना E तभी घटित होती हैं, जब n विभिन्न वस्तुओं में से r वस्तुएं चुनी जाती हैं।
n(E) = nCr = n!/r!( n – r)!
परस्पर अपवर्जी घटनाएं
किसी प्रतिदर्श समष्टि (Sample Space) की दो घटनाएं E1 तथा E2 एक साथ नहीं घटित होती हैं तो इन घटनाओं को परस्पर अपवर्जी घटनाएं कहाँ जाता हैं, जिसमें E1 ∩ E2 = ∅ होता हैं।
जब E1 और E2 दो परस्पर अपवर्जी घटनाएं हैं तो घटना (E1 या E2) की प्रायिकता निम्न प्रकार से मालूम किया जा सकता हैं।
P(E1 ∩ E2) = P(E1) + P(E2)
लेकिन जब E1 तथा E2 दो परस्पर अपवर्जी घटनाएं नहीं हों, तो घटना (E1 या E2) की प्रायिकता निम्न प्रकार से मालूम किया जा सकता हैं।
P(E1 ∪ E2) = P(E1) + P(E2) – P(E1 ∩ E2)
स्वतंत्र घटना
यदि दो घटनाओं का घटित होना या नहीं घटित होना एक दूसरे पर निर्भर न हो, तो उन्हें स्वतंत्र घटनाएं कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, घटनाओं A और B स्वतंत्र होंगी यदि P(A ∩ B) = P(AB) = P(A)P(B)
जैसे यदि एक सिक्के को दो बार उछाला जाए, तो पहली बार शीर्ष का आना दूसरी बार शीर्ष के आने से स्वतंत्र हैं।
परतंत्र घटना
यदि एक घटना का घटित होना दूसरी घटना पर निर्भर हो, तो ऐसी घटनाओं को परतंत्र घटनाएं कहते हैं।
जैसे ताश की एक गड्डी से एक पत्ता खींचा जाता हैं जिसे बाहर रखते हुए यदि दूसरा पत्ता खींचा जाए तो दूसरे पत्ते का निकला पहले पर निर्भर करेगा यानी पहले और दूसरे पत्ते का खींचा जाना परतंत्र घटनाएं हैं।
प्रतिबन्धी प्रायिकता
यदि प्रतिदर्श समष्टि में दो घटनाएं A और B इस तरह हों कि A के घटने के बाद ही B घटती हो, तो A घटने के बाद B के घटने की इस प्रायिकता को P(B/A) लिखते हैं तथा इसे, इस प्रतिबन्ध पर कि A घट चुकी हैं, B की प्रतिबन्धी प्रायिकता कहते हैं।
P(B/A) = P(A ∩ B) / P(A)
जैसे:- दो पासों के फैंकने के क्रम में यदि A = पहले पासे पर 3 आने की घटना तथा B = दोनों पासों पर आई संख्याओ का योग 7 होने की घटना हो, तो B की प्रायिकता B की प्रतिबन्धी प्रायिकता होगी इस प्रतिबन्धी पर कि घटना A घट चुकी हैं।